सभी हिन्दू संस्कृति न भूलें।
1 तिलक लगाना अनिवार्य है।
2.तिलक प्रतिदिन लगायें।
3.ब्राह्मण सफेद रंग का , सफेद तिलक लगायें।
4क्षत्रिय लाल रंग का तिलक लगाएं।
5वैश्य पिले रंग का तिलक ।
6 शुद्र काले रंग का तिलक लगाएं।
7. यदि कोई भी रंग हो तो तिलक अवश्य लगा लें। लेकिन भूलें न।
8.तिलक लगाने से आपका अजना चक्र जाग्रत होता है।
9.तिलक किसी भी रंग का लगा सकते हैं तिलक से कभी कोई हानि नहीं होती।
10. चन्दन का तिलक जब लगने के बाद धीरे धीरे सूखता है तो आपके माथे के बीच में ठंडक का अहसास होता है और स्वयं बिना किसी प्रयत्न के आपका ध्यान आपके अजना चक्र पर लगा रहता है। गर्मी में आपको ठंडक प्रदान करता है।
11. तिलक लगाने का प्रत्येक लोगो का अलग अलग तरीके हुआ करते थे। एक परम्परा हुआ करती थी। लेकिन अंग्रेजो ने न केवल हमारी संस्कृत भाषा को समाप्त किया बल्कि हमारी संस्कृति को भी काफी हानि पहुंचाई। लेकिन अभी भी कुछ परिवारों में उनकी परम्परा है।
12. तिलक से कभी कोई नुक्सान नहीं होता। चाहे किसी भी रंग का लगाये पर 24 घंटे हमेशा लगायें।
13. तिलक लगाते समय जो मन्त्र बोलकर तिलक लगाया जाता है, तब उस मन्त्र की ऊर्जा तिलक में सिंचित होकर व्यक्ति के अजना चक्र पर लगी रहती है। जिस से व्यक्ति के अंतिम क्षणों में भी व्यक्ति को शांति मिलती है। तिलक लगाए हुए व्यक्ति का मस्तिष्क शांत रहता है। ध्यान बढ़ता है। मन प्रसन्न रहता है। दिमाग को ठंडक मिलती रहती है।
14.तिलक के काफी आध्यात्मिक प्रभाव है। तिलक से स्वयं बिना शक्तिपात के हमारी कुंडली शक्ति , अंतर्दृष्टि जाग्रत होती है। वो सब एक आध्यात्मिक गुरु जी ही आपको बता सकते हैं।
15. ये सब बाते मुझको मेरे पिता जी से प्राप्त हुई थी एक संस्कार के रूप में।
16.तिलक लगाने की अभी तक मेने कोई पद्धति पुराण में नहीं पढ़ी है। अगर पता लगा तो अवश्य अवगत कराऊँगा। तिलक के लिए आप सब आपने आध्यात्मिक गुरु जी से भी पूछ सकते हैं।
17.चाहे कुछ भी करें पर तिलक लगाए जरूर।चंदन का हो तो काफी उत्तम रहेगा।
18.शिव जी की पूजा करने वाले इस तरह से तिलक लगाते है।
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इसमें ये तीन लाईन सफ़ेद चंदन/रंग, से, और बिंदु लाल चंदन/रंग से।
19. विष्णु जी के अनुयायी
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इसमें ये लाइन्स सफेद चंदन और बीच में लाल, पिला, सफ़ेद बिंदु से बनती है,
और भी अन्य तरह से लगते है।
20. शिव जी और विष्णु जी में कोई भेद नहीँ, स्वयं शिव जी ने शिव पुराण में यह कहा है।
21. लेकिन सामान्य व्यक्ति के लिये यह आवश्यक है कि वो तिलक लगाया करें। चाहे किसी भी तरह से किसी भी रंग से लगाए। सामान्य तरीका
| ये लाइन माथे के बीच में जहाँ आपकी भौहैं के बीच से माथे के आधे तक और अगर सम्भव हो तो नीचे से ऊपर तक पूरे माथे को दो हिस्सों में विभाजित कर दे। इस तरह लगाये।
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